
प्याज,इनकार,इकरार
देश में तीन क बेहद चर्चा में हैं। कीमत, कलमाडी, क्रिकेट। खास यह है कि तीनों की चर्चा का कारण एक ही है। हैसियत से ज्यादा दाम हासिल करना। प्याज किसान के घर से तीन रुपए में चला और हमारे किचन तक आते-आते अस्सी रुपए तक पहुंच गया। क्रिसमस का मौका है, आम गृहिणी प्याज की कीमत से वैसे ही गुस्से में लाल थी कि अचानक सेंटा के लाल रंग को देखकर टमाटर भी इतरा गया। उसने भी छलांग लगाई और कीमत के पेड़ पर जा बैठा। इस समय आम आदमी कीमत बढऩे से परेशान है। पेट्रोल, सब्जी, दाल और न जाने क्या-क्या कितना माथा खपाए। किचन से बचाए तो पेट्रोल में लूट जाए। कितनी चीजे छोड़ दें। दूसरे क पर सवार है सुरेश कलमाड़ी। उनके घर पर भी सीबीआई ने छापा मारा। आरोप है कि खूब पैसा बनाया। पर कॉमनवेल्थ के खिलाड़ी कलमाड़ी ने सीबीआई के गेट के बाहर होते ही कहा-सब झूठ। मैंने पाई-पाई का हिसाब दे दिया है, मेरा इस घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। सब जानते हैं मेरा काम सिर्फ पांच फीसदी था। इसे कहते हैं सच्चा इनकार। तीसरे क के खिलाड़ी है ललित मोदी। जो आईपीएल के घपले के बाद देश छोड़कर लंदन में जा बैठे हैं। भारत में किसी भी घपले से इनकार करने वाले मोदी लंदन में एकदम संत बन गए। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि आईपीएल में मेरे परिवार ने पैसा कमाया। इसे कहते हैं सुपर इकरार। केंद्र सरकार इस बात से परेशान है कि अपनी औकात से कई गुना ज्यादा पैसा बना चुके मंत्री, अफसरों और आम आदमी की जरूरत की चीजों की कीमत कैसे नियंत्रित की जाए। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, केंद्रीय मंत्री रहे ए राजा, सुरेश कलमाड़ी, नीरा राडिया, ललित मोदी जैसे न जाने कितने नाम। अब जरूरत है प्रधानमंत्री पूरे तंत्र को सुधारें। आम आदमी की जरूरत की चीजों से लेकर पूरे मंत्रिमंडल और नौकरशाही को काबू में रखने का कोई साफ्टवेयर तैयार करें ताकि कोई भी हद पार न कर सके। परमाणुु समझौते, संयुक्त राष्टï्र में स्थायी सदस्यता। अमेरिका और चीन के लिए नौकरी और बाजार खोलना। फ्रांस के राष्टï्रपति का भारत आकर देश के गुणगाना और रूस के सुप्रीमो का भारत को सुपरपावर बताना। ये सब तमगे तभी सुहाते हैं, जब आम आदमी खुश रहे। देश का हर तबका कामयाबी हासिल करे, वरना ऐसे ही प्याज, इनकार, इकरार के ड्रामें आंसू निकलवाते रहेंगे।