जिद कुछ कर दिखाने की

जिद कुछ कर दिखाने की

Thursday, January 10, 2008

धड़म-धड़म धड़ैया रे

शनिवार की रात जिस भी क्रिकेटप्रेमी ने मैच नहीं देखा उसने बहुत कुछ खो दिया। कई सालों बाद पूरी इंडियन टीम जोश में दिखी। ऐसा जोश इससे पहले लार्डस के मैदान में देखा था जब गांगुली ने शर्ट उतार फेकी थी। कल जोश में आग भी थी। अरे आग नहीं शोले थे क्योंकि आग अब ठंडी पड़ चुकी है(रामगोपाल वर्मा वाली)। लंबे समय बाद खिलाड़ियों में जीत की भूख सबको धो डालने का जज्बा अौर हमारे नामी खिलाड़ियों (सचिन अौर सौरव) को यह बताने का जुनून भी साफ दिख रहा था कि आने वाला कल इसी फायर ब्रिग्रेड का है।
फिल्म अोम्कारा का गाना धड़म-धड़म धड़ैया रे सबसे बड़े लड़ैया रे शायद इसी टीम के लिए लिखा गया था। पिछले तीन साल से क्रिकेट बिरादरी हम पर हंस रही थी। हमें बिना जोश अौर किलिंग स्पिरिट वाली बुजुर्ग की टीम कहा गया। पहले दक्षिण अफ्रीका फिर आस्ट्रेलिया को पटककर हमारे युवाअों ने बता दिया कि हम धुरंधरों को पटकने में माहिर हैं। पहले जब विरोधी टीम के विकेट गिरते थे तो द्रविड़ अपनी जगह पर खड़े-खड़े हाथ हिलाते थे। सचिन कड़ा चढ़ाते थे अौर सौरव नाखून चबाते दिखते थे। मानों कह रहे हों कहां विकेट ले लिया। शनिवार को ये तीनों ग्रेट प्लेयर टीम में नहीं थे पर टीम पूरी तरह से ग्रेट इंडियन दिखी। ये साफ हो गया कि ग्रेट खिलाड़ी के मैदान में खड़े रहने से मैच नहीं जीते जाते। मैच जीते जाते हैं युवराज जैसा जोश धोनी जैसी चपलता रुद्रप्रताप के रौद्र पठान की पठानी अौर भज्जी के भांगड़ के जुनून श्रीसंथ ने जब विकेट लिया तो वो कैसे तूफान की तरह लहरा रहे थे। युवराज ने मुट्ठी लहराई अौर इतने उछले मानो कंगारुअों की छाती पर चढ़कर उन्हें मुट्ठियों से पीटने का इरादा हो।
जिन खिलाड़ियों को ट्वेंटी-२० में केवल टाइम पास के लिए भेजा गया था उन्होंने सारे बड़े खिलाड़ियों को टाइम आउट कर दिया। संभव है कि आने वाले समय में यही टीम स्थायी हो जाए। आस्ट्रेलिया से इन युवाअों की जीत ने इंडिया में कप्तानी अौर सम्मान के लिए लड़ रहे बड़े खिलाड़ियों की भी नींद उड़ा दी है। उन्हे अपने घर के सोफे पर वही मैदानी जुमला याद आ रहा होगा- ये क्यों जीत गए या कह रहे होंगे- ये तो गली क्रिकेट है। यहां चल गए बड़े मैचों में कुछ नहीं कर पाएंगे। एक बात समझ लीजिए मैच २० अोवर का हो या ५० का इससे फर्क नहीं पड़ता मैदान में खिलाड़ी की आंखें अौर उसके तेवर बता देते हैं कि वो कितना शानदार खिलाड़ी है। अोवर अौर समय भले ही कम हो गया हो पर जीत की भूख बनी रहनी चाहिए। फटाफट क्रिकेट में जो धड़म-धड़म बेटिंग करे अौर अंत तक लड़े वही बनता है विजेता। इस पैमाने पर यह इंडियन टीम है सबसे बड़ी लड़ैया उम्मीद है कि पाकिस्तान को यह भी टीम ऐसे ही चबा डालेगी।

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