जिद कुछ कर दिखाने की

जिद कुछ कर दिखाने की

Tuesday, January 22, 2008

रिर्टन आफ राम नाम अबकी बार धंधे के नाम

पिछले कुछ महीनों से भगवान राम एक बार िफर मंदिरों से बाहर निकल आए हैं । वे चारों तरफ विराजित हैं । सिनेमा घर कारोबार राजनीति बयानबाजी टेलिविजन यहां तक की देश की सीमाऒं से निकलकर लंका तक वे दर्शन दे रहे हैं । हालांकि भगवान राम तो हर हिन्दू के मन में बसे हैं । पर पिछले २० बरसों में मन के अलावा राम नाम राजनीति और सांपदायिकता की पहचान बने । सत्ता हासिल करने और सत्ता से बाहर होने का ठीकरा भी भगवान के नाम फूटा । ९० के दशक में एकाएक राम नाम की लूट मची । रथयाञा नारों गली मोहल्लों की दीवारों से लेकर संसद तक बस एक ही नाम सुनाई दे रहा था राम । नारे सुनाई दे रहे थे जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं । सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे जैसे सैकडों नारे और मंदिर बनाने का जुनून लिए लाखों लोग सडकों पर उतर गए । इस पूरी रामनामी लडाई में जनता के हाथ कुछ नहीं लगा न मंदिर बना न मिली मन को शांति देश के कई शहर जरुर अशांत हुए और सत्ता मिलते ही लीडर अपने नारों को भूल गए सौगंध को स्वाहा कर दिया और जनता के मुंह सब दो शब्द निकले- हे राम ।

पूरे बीस साल बाद राम िफर अवतरित हुए हैं । पर इन बीस सालों में उदारीकरण ने देश में बहुत कुछ बदला तो राम नाम के अस्ञ का उपयोग भी बदला ञेतायुग में राम वनवास और मर्यादा के लिए जाने गए । ५० के दशक में राम गांधीजी के हे राम के रुप मै । ८० के दशक में रामानंद सागर की रामायणा । ९० के दशक में सत्ता मंदिर और झूठे वादों के गवाह बने । अब २००७ में राम एक नए अवतार हैं । इस बार न कोई वादा न कोई सौगंध सीधे-सीधे धंधे और मुनाफे की बात । कैसे----। देखें सबसे पहले रामभक्त हनुमान पर एनीमेशन मूवी बनी । अच्छी चली तो रिर्टन आफ हनुमान अब बारी पूरी रामायण की । एनडीटीवी इमेजिन ने पूरी रामायण पर एक सीरियल से अपने चैनल को खडा किया करोडो रुपए इसके प़सार पर खर्च किया । इतना रुपया तो अयोध्या आंदोलन पर भी खर्च नहीं हुआ होगा । इसके बाद रामसेतु के मुद़दे को भुनाने की बारी लंका सरकार ने उठाई । लंका सरकार ने कहा हां - हमें पुख्ता सबूत मिल गए हैं कि राम लंका आए थे और सीताजी वाटिका में थी । लंका सरकार ने सोचा होगा जिस राम मंदिर के नाम पर करोडों लोग इकट्ठा हो जाते हैं सरकारें बन जाती है । यदि उस राम के लंका आने की बात कही जाए तो एक अरब के देश से लाखों लोग दर्शन के नाम पर लंका आ जाएंगे । इससे लंका के पर्यटन उद्योग के दिन बदल जाएंगे । आपके पास यदि कुछ रामनामी पुडिया है तो फौरन निकालिए जिंदगी बदल जाएगी । उनकी जिंदगी आपके सामने है जिन्होनें राम के नाम पर हंगामा किया और बहुत कुछ बन गए। ये भजन बिल्कुल सही है-रामजी करेंगे बेडा पार ।

5 comments:

Anonymous said...

yeh to raam naam hai jiska bas chale woh loot le... janta bechari bholi hai prashad main khush aur poora hotel legaye ram nam ke neta. jai shri ram]

pratik

Anonymous said...

bilkul sahi likha aapne aapki dhaar barkaraar hai, main aapka student raha hoon. ram hi kyon sare bhagwan kamai ka jariya ban gaye hain kursi ki ya paise ki ya trp ki

अनिल पाण्डेय said...

yahi to raam naam ka fer hai. jisko dekho wahi muh uthaye iska durupyog karne chala ata hai. aise logon ko to talibaniyon ke hawale kar dena chahiye.

Anonymous said...

He mitra, apko poori garmjoshi se naman karta hoon.
Pahle to phauri taur par aapki cyber chaupal me meri upastithi darz kaaren.Iske baad arz kiya hai ki aap ke alfazo , khayalo aur andaz-e - bayan me wahi dhaar barkarar hai jisiki hamesh aap se ummed rahi hai.aalekh sare hi ache lage.
Philhal itna hi,
Phir milenge
LAGE RAHO.

Ashish Maharishi said...

इस देश में शुरु से ही राम को हाईजैक किया है, मुझे याद है कि पहले मेरे घर में जो कैलेंडर हुआ करते थे उसमें राम, लक्ष्‍मण और सीता के साथ हनुमान होते थे लेकिन 1992 के आसपास और उसके बाद इस कैलेंडर में सिर्फ राम बचे हुए थे, अब वो भी कहीं नहीं दिख रहे हैं