मेरे कल की पोस्ट में नौकरीपेशा लोगों को प्रोडक्ट लिखने पर काफी लोग नाराज हैं, उनका कहना है कि ऐसा नहीं लिखना चाहिए, मान्यवर मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि मेरा आशय प्रोडक्ट से कोई वस्तु नहीं था, मूलरूप से मैंने यह शब्द एक उदाहरण के तौर पर उपयोग किया है, मेरा मकसद सिर्फ यह है कि नौकरीपेशा लोगों को वक्त के साथ अपने काम के तरीकों में बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन अपनी मूल छवि को मिटाए बिना ा जरा सोचिए यदि आप वक्त के साथ कंप्यूटर नहीं सीखते, अंग्रेजी की जानकारी नहीं बढाते, मैनेजमेंट की किताबें नहीं पढते तो क्या संस्था में नए आयाम पा सकते हैं ा
दूसरी एक और बात सामने आई मेरे कुछ साथियों का कहना है कि पत्रकारतिा के पेशे से जुडा होने के बावजूद मैंने ऐसे शब्द का उपयोग किया यह ज्यादा बडा अपराध है, इसमें भी मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं मित्रवर आपसे विनम्र अनुरोध है कि यहां पर जो भी लिखा पढा जा रहा है, व नितांत मेरा व्यक्तिगत है, इसे मेरे पेशे से जोडकर न पढे, यदि आप पेशे से जोडेग तो मेरे लिखे को आप एक अलग नजरिए से देखेंगे, जो पंकज मुकाती के साथ न्याय नहीं करेगा ा आपकी बेबाक राय के लिए धन्यवाद ा
2 comments:
NARAJ??? who r they all..? aakhir ismein narazgi ki kya baat hai ..!! naukripesha ko product kahne par..? Hum jab khud ko BRAND mante hai to PRODUCT maanne mein kya harz..!!
ABC newspaper ke Mr.X jo Crime beat ke senior n expert reporter hai .. agar hamare LMN newspaper mein aa jaaye to gajab ho jayega..ABC newspaper ko jhatka lagega..!! Aur jab Mr.X ko job offer ki to ve bhi khud ko BRAND(jo ki kai logo ki nazaron mein PRODUCT ka hi ho sakta hai) ke roop hi mein pesh karte hai Aur apne BRAND NAME ke demand ka jaruratmand LMN paper ko ehsas dilate hai..!!!
Is mein Kya burai hai ..yahi kahenge na aap..! To jab aap BRAND banne aur is mehnat se paaye naam ke dum par aage badne mein vishwas rakhte hai ..To ultimately aap PRODUCT hi hai ..Woh PRODUCT jis ki BRAND VALUE hai..!!!
sIr..watever u have written in previous post I do agree with that..!!! Thnx
किसी टीप में नारजगी तो दिख नहीं रही.
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